पिछले दो महीने से अशांत मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष जारी है। लेकिन मोदी सरकार ने वहां अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मणिपुर के लोग आशंका और डर के साए में जी रहे हैं। विस्थापित लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभी तक ना मणिपुर के लोगों के बीच जाने की जरूरत महसूस हुई है और ना ही उन्होंने शांति और विश्वास बहाल करने की अपील की है। अमेरिका स्टेट विजिट पर जाने से पहले रेडियो पर 'मन की बात' में भी उन्होंने मणिपुर को कोई संदेश नहीं दिया। अलबत्ता, 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए वे कांग्रेस को जरूर कोसते रहे।
क्या मोदी की लोकप्रियता महज चुनावी है?
- विचार
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- 3 Jul, 2023
मणिपुर जल रहा है। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री मोदी उसका म भी बोलने को तैयार नहीं है। वो मणिपुर के लिए शांति की अपील तक नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में क्या यह माना जाए कि पीएम मोदी की लोकप्रियता महज चुनावी है। पढ़िए लेखक रविकांत के विचारः
