किसी राष्ट्र में महाराष्ट्र का होना ही बेतुका है लेकिन सबसे ज्यादा बेतुकी है महाराष्ट्र की सियासत। महाराष्ट्र की सियासत में जब से भाजपा का प्रवेश हुआ है तभी से यहां गठबंधन का धर्म, अ-धर्म में बदल गया है ।  अब गठबंधन के मायने ही बदल गए हैं। जो काम बीते 63 साल में नहीं हुआ था,वो अब हो रहा है ।  सत्ता पाने और सत्ता में बने रहने के लिए महाराष्ट्र में गठबंधन की अवधारणा ही बदल दी है ।  अब गठबंधन ' भानुमती का कुनबा ' ही नहीं बल्कि ' केर-बेर का संग ' भी हो गया है।