कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और मजलिस-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी को बड़ी तकलीफ़ है कि संघ और बीजेपी के नेता आजकल गाँधीजी की माला क्यों जपते हैं? ओवैसी ने तो यहाँ तक कह दिया कि उनके दिल में गोडसे बैठा है और ज़ुबान पर गाँधी है। आजकल देश में जितने भी घोर आपत्तिजनक कार्य हो रहे हैं, उन सब को बीजेपी और संघ के सिर पर थोपकर ओवैसी का कहना है कि उन्हें गाँधी का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है। लगभग यही बात सोनिया गाँधी ने थोड़े शिष्ट लहज़े में कह डाली है और उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह वोटों के ख़ातिर गाँधी के नाम को भुना रही है। सोनियाजी से कोई पूछे कि आज गाँधी के नाम पर भारत में कौन वोट देता है?
गाँधी पर किसका हक़? सिर्फ़ नाम को भुनाना काफ़ी नहीं
- विचार
- |
- |
- 4 Oct, 2019

यदि वर्तमान सरकार, बीजेपी और संघ गाँधी का नाम आज ले रहे हैं तो उन्हें क्यों न लेने दें? उनकी आँखें खुल रही हैं, दिल बड़ा हो रहा है, समझ गहरी हो रही है तो उसे वैसा क्यों न होने दें? यह ठीक है कि इस सरकार को मोदी और शाह चला रहे हैं लेकिन हम यह न भूलें कि ये दोनों गुजराती हैं। वे गाँधी और सरदार पटेल को कंधे पर उठा रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है?