कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और मजलिस-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी को बड़ी तकलीफ़ है कि संघ और बीजेपी के नेता आजकल गाँधीजी की माला क्यों जपते हैं? ओवैसी ने तो यहाँ तक कह दिया कि उनके दिल में गोडसे बैठा है और ज़ुबान पर गाँधी है। आजकल देश में जितने भी घोर आपत्तिजनक कार्य हो रहे हैं, उन सब को बीजेपी और संघ के सिर पर थोपकर ओवैसी का कहना है कि उन्हें गाँधी का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है। लगभग यही बात सोनिया गाँधी ने थोड़े शिष्ट लहज़े में कह डाली है और उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह वोटों के ख़ातिर गाँधी के नाम को भुना रही है। सोनियाजी से कोई पूछे कि आज गाँधी के नाम पर भारत में कौन वोट देता है?