भारत की अधिकांश जनता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को मानने वाले हैं, तो दूसरी ओर उनसे नफ़रत करने वाला वर्ग भी है। इस वर्ग का तर्क है कि राष्ट्रपिता होने का पैमाना क्या और क्यों? यह वर्ग बापू महात्मा गाँधी के विरुद्ध झूठे व मनगढ़ंत कुतर्कों को संगठित रूप से प्रचारित भी करता है। तकनीकी युग वाट्सऐप और सूचना क्रांति से यह और भी आसान हो गया है।