महात्मा गाँधी का पार्थिव शरीर आम जनता के दर्शन के लिए विशेष वाहन पर रखा हुआ था। इनके शरीर के आसपास पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, देवदास गाँधी, सरदार बलदेव सिंह, आचार्य जेबी कृपलानी और राजेंद्र प्रसाद कुछ ऐसे अस्थिर से खड़े थे मानो संगमरमर की मूर्ति हों।