शुक्रवार 30 जनवरी, 1948 को अपनी बेटी मणिबेन को लेकर सरदार बल्लभ भाई पटेल नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गाँधी से मिलने गए। बातचीत का मुख्य मसला जवाहरलाल नेहरू और पटेल के बीच चल रहा विवाद था। गाँधी ने पटेल से कहा कि दोनों के बीच किसी तरह का विवाद विनाशकारी होगा। गाँधी ने फैसला किया कि अगले दिन नेहरू और पटेल दोनों के साथ बैठक करेंगे।
गाँधी की मौत के साथ ही दूर हो गया था पटेल-नेहरू का मनमुटाव
- विचार
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- 30 Jan, 2020

बीजेपी बार-बार सरदार पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनाए जाने का मुद्दा उठाती रही है। वह दोनों नेताओं के बीच के रिश्तों पर भी सवाल उठाती रही है। बीजेपी यह साबित करना चाहती है कि नेहरू पटेल से नफ़रत करते थे। पर यह सच नहीं है। गाँधी की पुण्य तिथि पर पढ़ें यह लेख कि कैसे राष्ट्रपिता की मृत्यु के साथ ही दोनों के मतभेद ख़त्म हो गए।