देश भर में महिलाएँ आज अपने जीवनसाथी की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं लेकिन घरेलू राजनीति में आज का दिन ‘कड़वा चौथ’ का दिन साबित हो रहा है। लोकतंत्र के दीर्घायु होने के लिए कोई राजनीतिक दल व्रत रखने के लिए तैयार नहीं है। राजनीति में लोकतंत्र के प्रति व्रती कोई नहीं बनना चाहता। लोकतांत्र कल मरता हो तो आज मर जाए।