नौकरशाही को दुनिया भर में समाज के सबसे सुरक्षित तबक़े का स्थान हासिल है। इसके बावजूद जब कभी सियासी हुक़्मरानों की मिट्टी पलीद होती है, उन पर नाकामियों का ठीकरा फूटने की नौबत आती है तो उनकी खाल बचाने के लिए भी अफ़सरों को ही बलि का बकरा बनना पड़ता है। इसीलिए मुम्बई में बीएमसी के मुखिया प्रवीण परदेशी को ऐन संकट-काल में बदल दिया गया। उन्हें शहरी विकास विभाग की उसी जगह पर भेज दिया गया जहाँ से नये बीएमसी मुखिया इक़बाल सिंह चहल को लाया गया है।