चार जून बहुत दूर नहीं है। राजनीतिक रूप से देश किस ओर मुड़ेगा, उसी दोपहर तक उसका एक स्वरूप सामने आ जायेगा। यह आशंका भी अब लगभग दबे-छुपे सामने आ ही रही है कि यदि मौजूदा सत्ताधारी दल को बहुमत से कम सीटें मिलीं या हारने की  नौबत आई तो क्या मोदी जी आसानी से गद्दी छोड़ेंगे?