बाल्ये पितुर्वशे तिष्ठेत्पाणिग्राहस्या यौवने।पुत्राणं भर्तरि प्रेते न भजेत्स्रीस्वतनत्रताम्।। (5/148, मनुस्मृति)
सोनाक्षी सिन्हा पर कुमार विश्वास का तंज़ संविधान पर मनुस्मृति का वार!
- विचार
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- 23 Dec, 2024

कुमार विश्वास की नज़र में सोनाक्षी सिन्हा, पिता शत्रुघ्न सिन्हा के घर में रखा हुआ ‘सामान' थीं। सोनाक्षी सिन्हा पर कुमार विश्वास का तंज़ क्या संविधान पर किया गया मनुस्मृति का वार नहीं है?
(अर्थात- स्त्री बाल्यकाल में पिता के, जवानी में पति के और पति के मरने के बाद पुत्रों के अधीन होकर रहे। वह कभी स्वतंत्र न रहे।)
“वैदिक संविधान का नाम मनुस्मृति है। जीवन को सार्थक बनाने के लिए मनु ने जो कहा है, उसका पालन करना चाहिए”- शंकराचार्य स्वामी निश्चलनानंद सरस्वती का 17 दिसंबर 2024 को पुणे में दिया गया बयान।
लोकसभा में हुई संविधान पर बहस के दौरान जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि आज लड़ाई संविधान और मनुस्मृति के बीच है तो बहुत लोगों ने इसे बेवजह क़रार दिया। आलोचकों का कहना है कि मनुस्मृति अतीत की चीज़ है जिसका मौजूदा समाज से कोई लेना देना नहीं है। वे शंकराचार्य के ताज़ा बयान को भी हाशिये की चीज़ मानते हैं, लेकिन फ़िल्मस्टार सोनाक्षी सिन्हा की शादी को लेकर स्वयंभू ‘युग-कवि’ कुमार विश्वास ने पिछले दिनों जो कुछ कहा, वह बताता है कि समाज के बड़े हिस्से का दिमाग़ आज भी मनुस्मृति से संचालित होता है और गाहे-बगाहे उसका विष बाहर आ जाता है। ख़ासतौर पर जब बात स्त्रियों की आज़ादी की हो।