हजारों आंदोलनकारी किसान 40 दिन से कड़ाके की ठंड और (अब) बारिश में खुले में जिंदगी और मौत की जंग के बीच अपनी मांगों के लेकर वीरान सड़कों पर हैं। सातवीं बार फिर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होनी है। कोई ताज्जुब नहीं कि प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए कोई मंत्री इस बारिश को भी “सरकार का विरोध करने वाले किसानों से ईश्वर भी खफा” न बताने लगे या “प्रकारांतर से इंद्र भगवान का मोदी सरकार को आशीर्वाद” करार न दे।