22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इसके 11 दिन पहले से मोदी दक्षिण भारत के तमाम मन्दिरों में घूम -घूमकर अनुष्ठान करने में लगे थे। मीडिया के जरिये इस अनुष्ठान को चुनावी माहौल में तब्दील कर दिया गया। भाजपा, संघ, विश्व हिन्दू परिषद और अनेक हिंदूवादी संगठनों ने इस आयोजन को देशव्यापी बना दिया। मीडिया ही नहीं तमाम राजनीतिक विश्लेषक भी ये कहने लगे थे कि राम मंदिर की लहर में मोदी को 2024 में रोकना नामुमकिन है। यानी हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी की जीत तय है। लेकिन 24 घंटे के भीतर नरेंद्र मोदी के एक एलान ने सबको चौंका दिया।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न तो करुणानिधि को क्यों नहीं?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
केंद्र सरकार ने हाल ही में बिहार में जननायक का दर्जा रखने वाले कर्पुरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया। उसके बाद शनिवार को खुद पीएम मोदी ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजने की घोषणा की। लेकिन भारत रत्न देने की जो परंपरा है, उसके हिसाब से दक्षिण भारत के लोकप्रिय नेता करुणानिधि को क्यों नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु में ऐसे लोकप्रिय आंदोलन का नेतृत्व किया जो पार्टी में बदल गया। रविकांत का यह सवाल वाजिब है कि करुणानिधि को भारत रत्न क्यों नहीं, पढ़िएः
