बलूची स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कराची में हालिया हमले ने मुझे यह लेख लिखने के लिए प्रेरित किया।
पाकिस्तान: कराची के स्टॉक एक्सचेंज पर हमला क्यों हुआ?
- विचार
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- जस्टिस मार्कंडेय काटजू
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- 1 Jul, 2020


जस्टिस मार्कंडेय काटजू
11 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश सरकार ने बलूचिस्तान को आज़ादी दी और यह उस समय पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था। पाकिस्तान को तीन दिन बाद 14 अगस्त को आज़ादी मिली। 27 मार्च, 1948 को पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर उसे पाकिस्तान का हिस्सा घोषित कर दिया था। इसके बाद 1948, 1963, 1968, 1973 आदि में बलूचियों द्वारा स्वतंत्रता के लिए बार-बार संघर्ष किए गए और 2003 से ये जारी हैं।
पाकिस्तानी अक़सर कश्मीरियों के लिए आत्मनिश्चय के अधिकार की मांग करते आये हैं। लेकिन एक प्रसिद्ध कहावत है कि 'जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए।’
मेरा लेख 'The truth about Pakistan', जो पाकिस्तानी अख़बार The Nation में प्रकाशित हुआ था उसे ऑनलाइन देखें। उसमें मैंने बताया है कि पाकिस्तान एक फर्जी, कृत्रिम देश है जो फर्जी दो-राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर बनाया गया था और मैंने अक़सर कहा है कि यह भारत के साथ दोबारा जुड़ने के लिए बाध्य है।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
जस्टिस मार्कंडेय काटजू भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं।