हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास की अहम तारीख़। इमरजेंसी की कहानी की पहली सुबह। पैंतालीस साल हो गए। वो दिन था - 12 जून, 1975। इलाहाबाद हाई कोर्ट का कमरा नंबर 24, सुबह दस बजे से पहले ही खचाखच भर गया था। सांसों की तेज़ आवाजाही और तेजी से आते-जाते कदमों की चहलकदमी ने माहौल को गरमा दिया था। रहस्यमयी खामोशी लिए कई चेहरे, दिल की बढ़ती धड़कनों को सीने पर हाथ रख कर दबाने की कोशिश करते कुछ बड़े लोग और अख़बारों के रिपोर्टर्स की चौकस आंखों के बीच जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा की एंट्री।