क्या आपके कोई बेटी या बहन है जो 9-10 साल से बड़ी है? यदि है तो अगर वह कहीं बाहर गई हुई हो, ख़ास कर रात को सात-आठ बजे के बाद और उसे घर लौटने में देर हो रही हो और उसका मोबाइल भी नहीं लग रहा हो तो आपको फ़िक़्र होगी या नहीं? ज़रूर होगी। और फ़िक़्र किस बात की होगी? यही न कि कहीं…
पक्ष : देश बदनाम होता है नसीर के 'सच' कहने से?
- विचार
- |
- |
- 22 Dec, 2018

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनको अपने बच्चों के लिए फ़िक़्र होती है कि यदि कभी किसी भीड़ ने उन्हें घेर लिया तो वे ख़ुद को क्या बताएँगे - हिंदू या मुसलमान… तो इससे देश कैसे बदनाम हो जाता है?
- इसीलिए यदि मैं कहूँ कि मेरी बेटी यदि रात को देर से लौटे तो मुझे फ़िक़्र होती है तो कोई नहीं कहेगा कि मैं देश को बदनाम कर रहा हूँ। अधिक से अधिक कोई यह कह सकता है कि मैं सरकार को बदनाम कर रहा हूँ।
लेकिन यदि नसीरुद्दीन शाह कहें कि उनको अपने बच्चों के लिए फ़िक़्र होती है कि यदि कभी किसी भीड़ ने उन्हें घेर लिया तो वे ख़ुद को क्या बताएँगे - हिंदू या मुसलमान… तो इससे किसी दल या संगठन पर लांछन नहीं लगता, कोई सरकार घेरे में नहीं आती, किसी समाज पर कीचड़ नहीं उछलता - सीऽऽऽऽऽऽधे देश बदनाम हो जाता है। भारतवर्ष के चेहरे पर कालिख पुत जाती है।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश