कुछ ही दिनों में गाँधीजी की 150वीं जयंती आने वाली है और प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी बड़े नेता बड़े-बड़े आयोजनों में उनको याद करेंगे। वे दावा करेंगे कि वे गाँधीजी के ही बताए मार्ग पर चल रहे हैं और उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं। यह बात स्वच्छता अभियान और ग़रीबों को लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों जैसे इक्का-दुक्का मामलों में सही भी हो सकती है लेकिन कुछ बड़े मामलों में, जैसे जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्ज़े को समाप्त करने की सरकार की कोशिशों को क्या गाँधीजी का समर्थन मिलता?