स्पैनिश फ्लू महामारी की दूसरी लहर 1918 के सितंबर में जब भारत पहुंची तो इसने सबसे ज्यादा लोगों की जान ली। खासकर गुजरात में इसका कहर कुछ ज्यादा ही दिखा। वहां समस्या यह थी कि मानसून में बारिश लगभग न के बराबर हुई थी। खरीफ की फसल का बुरा हाल हो चुका था और ऐसी सूरत नजर नहीं आ रही थी कि रबी की फसल ठीक से बोई जा सकेगी।