तो आख़िरकार 8 जुलाई को टेस्ट क्रिकेट ने फिर से उम्मीद की नई सांस ले ही ली। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ के बीच साउदैंपटन में जब पहले टेस्ट के लिए पहली गेंद फेंकी गई तो नज़ारा ऐतिहासिक था।
क्रिकेट : भारत के महान खिलाड़ी संवेदनशील मुद्दों पर क्यों नहीं बोलते?
- विचार
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- 9 Jul, 2020

एक अहम सवाल यह उठता है कि आख़िर भारतीय दिग्गज़ खिलाड़ी देश के संवेदनशील मुद्दों पर कुछ क्यों नहीं बोलते हैं? भारत जैसे मुल्क में जहाँ तथाकथित ऊँची जाति और पिछड़ी जाति के मामले अक्सर राष्ट्रीय सुर्खियाँ बनती हैं, हमारे खिलाड़ी ऐसा रवैया अपनाते हैं जैसे वे ऐसे मुद्दों पर पूरी तरह से अनभिज्ञ हों।