लोकसभा चुनाव से पहले नीति आयोग ने देश में गरीबों की संख्या संबंधी अपने आकलन के रूप में जो एक बम फोड़ा है उसकी गूंज चुनाव भर में बनी रहे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। आयोग के किसी अर्थशास्त्री की जगह उसके सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम द्वारा जारी किए गए इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में 2013-14 और 2022-23 के बीच गरीबों की संख्या में तेजी से कमी आ गई है और अब यह पाँच फीसदी से नीचे पहुँच गई है जिसका मतलब हुआ कि देश में गरीबों की संख्या सात करोड़ से अधिक नहीं रह गई है। जाहिर है इन दस वर्षों में देश में नरेंद्र मोदी का शासन रहा है और अगर यह अनुमान सही है तो यह सरकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।