नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली की यह दिल्ली-यात्रा हुई तो इसलिए है कि दोनों राष्ट्रों के संयुक्त आयोग की सालाना बैठक होनी थी लेकिन यह यात्रा बहुत सामयिक और सार्थक रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने परस्पर सड़कें बनाने, रेल लाइन डालने, व्यापार बढ़ाने, कुछ नए निर्माण-कार्य करने आदि मसलों पर सहमति दी लेकिन इन निरापद मामलों के अलावा जो सबसे पेंचदार मामला दोनों देशों के बीच आजकल चल रहा है, उस पर भी दोनों विदेश मंत्रियों ने बात की है। नवंबर 2020 में शुरू हुए सीमांत-क्षेत्र के लिपुलेख-कालापानी-लिंपियाधुरा के सीमा-विवाद के कारण दोनों देशों के बीच काफ़ी कहा-सुनी हो गई थी।
भारत-नेपाल संबंध फिर साथ; चीन दरकिनार?
- विचार
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- 17 Jan, 2021

इंडियन कौंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफ़ेयर्स में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कई पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए इतनी सावधानी बरती कि भारत-विरोधी एक शब्द भी उनके मुँह से नहीं निकला। भारत-नेपाल संबंधों की भावी दिशा क्या होगी, यह जानने के पहले नेपाली राजनीति की आंतरिक पहेली के हल होने का इंतज़ार हमें करना होगा। तात्कालिक भारत-नेपाल संवाद तो सार्थक ही रहा है।