सांसद और बॉलीवुड कलाकार कंगना रनौत ने भारत की स्वतंत्रता के संबंध में अपनी समझ को पहली बार तब जाहिर किया था जब उन्होंने हमें बताया था कि भारत दरअसल 2014 में तब स्वतंत्र हुआ जब मोदी जी ने देश की सत्ता संभाली। 2014 में पहली बार भाजपा को अपने दम पर लोकसभा में बहुमत हासिल हुआ था। इस टिप्पणी का क्या अर्थ था? इसका अर्थ यह था कि 2014 से पहले तक भारत एक गुलाम देश था। या तो वह विदेशी शासकों का गुलाम था या ऐसी सरकारों का जो धर्मनिरपेक्ष और प्रजातांत्रिक मूल्यों की पैरोकार थीं। कंगना रनौत का मतलब था कि मोदी सरकार के आते ही हिन्दू राष्ट्रवाद का देश में बोलबाला हो गया और यही भारत की असली आज़ादी थी। एक अन्य फिल्म कलाकार विक्रांत मैसी ने हाल में यही बात दोहराते हुए कहा कि भारत को आज़ादी सन 2015 में हासिल हुई जब ‘हमें’ अपनी हिन्दू पहचान को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली।
भारत आज़ाद कब हुआ- इस पर कंगना, भागवत ही एकमत क्यों नहीं?
- विचार
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- 23 Jan, 2025

बीजेपी सांसद कंगना रनौत कहती हैं कि भारत दरअसल 2014 में तब स्वतंत्र हुआ जब मोदी जी ने देश की सत्ता संभाली। संघ प्रमुख भागवत कहते हैं कि 2024 में राम मंदिर बनने पर आज़ादी मिली। आख़िर, वे इस तरह की बातें क्यों कर रहे हैं?
अब आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने देश के ‘असली स्वतंत्रता’ हासिल करने की एक नई तारीख़ घोषित कर दी है। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत को 22 जनवरी 2024 को आजादी मिली थी। उन्होंने कहा कि “इस दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी व भारत के असली स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि “भारत को कई सदियों तक विदेशी हमलों का सामना करना पड़ा और इन हमलों से उसे 22 जनवरी 2024 को स्वतंत्रता मिली।” उन्होंने यह भी कहा कि “भगवान राम, कृष्ण और शिव के आदर्श और जीवनमूल्य भारत के ‘स्व’ का हिस्सा हैं और ऐसा नहीं है कि ये केवल उन लोगों के देव हैं जो उनकी आराधना करते हैं।”