भारत की संसद ने दो दिन तक देश के संविधान पर चर्चा की। विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमारे संविधान में समाज के कमज़ोर वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए अनेक प्रावधान हैं मगर उसके बावजूद ये वर्ग परेशान हैं। मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया गया है।