भारत की संसद ने दो दिन तक देश के संविधान पर चर्चा की। विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमारे संविधान में समाज के कमज़ोर वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए अनेक प्रावधान हैं मगर उसके बावजूद ये वर्ग परेशान हैं। मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया गया है।
संविधान के 75 साल: हम कहाँ हैं
- विचार
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- 20 Dec, 2024

संविधान के 75 वर्ष हो गए हैं तो इन सालों में संविधान किस स्तर पर पहुँच पाया है? क्या संविधान के उन मूल्यों का पालन हो रहा है जो स्वाधीनता संग्राम के दौरान उपजे?
इसके विपरीत, सत्ताधारी बीजेपी नेताओं ने संसद के अन्दर और संसद के बाहर भी कहा कि संवैधानिक मूल्यों पर हमले नेहरु (नफरत फैलाने वाले भाषण पर रोक लगाने के लिए संवैधानिक संशोधन) ने शुरू किये और यह सिलसिला इंदिरा गाँधी (आपातकाल) से होते हुए राजीव गाँधी (शाहबनो) और राहुल गाँधी (विधेयक को फाड़ना) तक चला। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक बुराइयों की जड़ में नेहरु-गाँधी परिवार है और उसी ने संविधान को नुकसान पहुँचाया है।