भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की बुधवार को की गई पेशकश को इसलिये हलके में नहीं लिया जाना चाहिये कि वह नादानी में अक्सर ऐसा बोलते हैं। इसके पहले कई बार डोनल्ड ट्रम्प भारत और पाकिस्तान के बीच भी मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं और भारत इसे ठुकरा चुका है। इसलिये नहीं कह सकते कि राष्ट्रपति ट्रम्प को इस बात का अहसास नहीं होगा कि भारत और चीन के बीच सीमा तनाव को दूर करने के लिये अपनी सेवाएँ देने की उनकी पेशकश को चीन तो ठुकरा ही देगा भारत भी स्वीकार नहीं करेगा।