भारत-चीन तनाव खत्म होने के संकेत मिलने लगे हैं। अभी दोनों तरफ की सेनाओं ने पीछे हटना शुरू नहीं किया है लेकिन दोनों इस बात पर सहमत हो गई हैं कि मार्च-अप्रैल में वे जहां थीं, वहीं वापस चली जाएंगी। उनका वापस जाना भी आज-कल में ही शुरू होने वाला है। तीन दिन में 30-30 प्रतिशत सैनिक हटेंगे। जितने उनके हटेंगे, उतने ही हमारे भी हटेंगे। उन्होंने पिछले चार-छह माह में लद्दाख सीमांत पर हजारों नए सैनिक डटा दिए हैं।
आख़िरकार भारत-चीन सीमा पर कम हुआ तनाव
- विचार
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- 13 Nov, 2020

लद्दाख की एक मुठभेड़ में हमारे 20 जवान और चीन के भी कुछ सैनिक ज़रूर मारे गए लेकिन यह घटना स्थानीय और तात्कालिक बनकर रह गई। दोनों सेनाओं में युद्ध-जैसी स्थिति नहीं बनी, हालांकि हमारे अनाड़ी टीवी चैनल और चीन का फूहड़ अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ इसकी बहुत कोशिश करता रहा लेकिन मैं भारत और चीन के नेताओं की इस मामले में सराहना करना चाहता हूं। उन्होंने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ नाम लेकर कोई आपत्तिजनक या भड़काऊ बयान नहीं दिए।
चीन ने तोपों, टैंकों और जहाजों का भी इंतजाम कर लिया है लेकिन चीनी फौजियों को लद्दाख की ठंड ने परेशान करके रख दिया है। 15000 फुट की ऊंचाई पर महीनों तक टिके रहना खतरे से खाली नहीं है। भारतीय फौजी तो पहले से ही ऐसे मौसम के अभ्यस्त हैं।