भारत में उत्तर प्रदेश हिंदी का सबसे बड़ा गढ़ है लेकिन देखिए कि हिंदी की वहाँ कैसी दुर्दशा है। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा के 23 लाख विद्यार्थियों में से लगभग 8 लाख विद्यार्थी हिंदी में अनुतीर्ण हो गए। डूब गए। जो पार लगे, उनमें से भी ज़्यादातर किसी तरह बच निकले। प्रथम श्रेणी में पार हुए छात्रों की संख्या भी लाखों में नहीं है। यह वह प्रदेश है, जिसने हिंदी के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकारों और देश के सर्वाधिक प्रधानमंत्रियों को जन्म दिया है।