उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित क्या कह दिया, प्याली में तूफ़ान आ गया। उनकी एक तसवीर भी मीडिया में वायरल हुई, जिसमें वे अपनी गोद में एक बंदर को बिठाए हुए फ़ाइलें देख रहे हैं। अब ब्राह्मण की परेशानी यह है कि वह दलित की पूजा नहीं कर सकता, क्योंकि उसके पुरखों ने सारे भगवान् उच्च वर्ण में बनाए हैं। फिर हनुमान दलित कैसे हो सकते हैं? एक तो करेला और वह भी नीम चढ़ा। यानी, एक तो दलित और वह भी वर्ण बाहर - अवर्ण। अब एक अवर्ण को हर मंगलवार को कैसे भोग लगाएँ? यही दुविधा तुलसीदास की भी थी। वह भी एक अवर्ण को कैसे शीश झुका सकते थे? अत: उन्होंने हनुमान को मूँज का जनेऊ पहना दिया—‘काँधे मूज जनेऊ छाजे’। यानी जनेऊ पहनने से हनुमान ब्राह्मण हो गए।