देश में पिछले कुछ सालों के दौरान तमाम संवैधानिक पदों में सबसे ज़्यादा बदनाम अगर कोई हुआ है तो वह है राज्यपाल का पद। वैसे यही सबसे ज़्यादा बेमतलब का पद भी है। इसीलिए भारी-भरकम ख़र्च वाले इस संवैधानिक पद को लंबे समय से सफेद हाथी माना जाता रहा है और इसकी उपयोगिता तथा प्रासंगिकता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। सवाल उठाने का मौक़ा और कोई नहीं बल्कि कई राज्यपाल ख़ुद ही अपनी उटपटाँग हरकतों से उपलब्ध कराते हैं। ऐसे ज़्यादातर राज्यपाल उन राज्यों के होते हैं, जहाँ केंद्र में सत्तारूढ़ दल के विरोधी दल की सरकारें होती हैं।