कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद की संसद से बिदाई अपने आप में एक अपूर्व घटना बन गई। पिछले साठ—सत्तर साल में किसी अन्य सांसद की ऐसी भावुक विदाई हुई हो, ऐसा मुझे याद नहीं पड़ता। इस विदाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के एक अज्ञात आयाम को उजागर किया। गुजराती पर्यटकों के शहीद होने की घटना का ज़िक्र करते ही उनकी आँखों से आँसू आने लगे। लेकिन उससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह हुई कि ग़ुलाम नबी आज़ाद ने अपनी जीवन-यात्रा का ज़िक्र करते हुए ऐसी बात कह दी, जो सिर्फ़ भारतीय मुसलमानों के लिए ही नहीं, प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है।