कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की छाया में इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवम्बर को आयोजित जी-20 की 17वीं शिखर बैठक पर विकसित व विकासशील देशों के अपने राष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक हित हावी रहे। 2008 के गम्भीर वित्तीय संकट के बाद के बिगड़े आर्थिक हालात से निबटने के लिये जैसी एकजुटता जी-20 के  विकसित व विकासशील सदस्य देशों में देखी गई थी वह इस बार नदारद ही रही। यही वजह है कि जी-20 शिखर बैठक के बाद जारी बाली घोषणा पत्र में केवल मुहावरों से भरी बयानबाजी ही देखी गई, खाद्य एवं ऊर्जा संकट के अभूतपूर्व दौर से उबरने के लिये क्या ठोस क़दम उठाए जाने चाहिए इस पर कोई सहमति नहीं हो सकी।