प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इंदिरा गांधी के ‘आपातकाल’ पर प्रहार करते हैं तो डर लगने लगता है और चार तरह की प्रतिक्रियाएँ होती हैं। पहली तो यह कि जब हर कोई कह रहा है कि इस समय देश एक अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है तो ऐसी आवाज़ें मोदी जी के कानों तक भी पहुँच ही रहीं होंगी! इस तरह के आरोप लगााने वाले ‘उस’ आपातकाल और ‘इस’आपातकाल के बीच तुलना में कई उदाहरण भी देते हैं।