देश के डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। किसान आंदोलन के बाद अब यह डॉक्टर आंदोलन शुरू हो गया है। इन दोनों आंदोलनों का आधार ग़लतफहमी है। इस ग़लतफहमी का कारण किसान और डॉक्टर नहीं है़। उसका कारण हमारी सरकार है। उसका अहंकार है। वह जो कुछ कर रही है, वह देश के भले के लिए कर रही है। लेकिन इसके पहले कि वह कोई क्रांतिकारी क़दम उठाए, वह उससे प्रभावित होनेवाले लोगों से बात करना ज़रूरी नहीं समझती। जो उसे ठीक लगता है या अफ़सर जो चाबी घुमाते हैं, सरकार आनन-फानन उसकी घोषणा कर देती है।
किसान आंदोलन के बाद डॉक्टरों की हड़ताल क्यों?
- विचार
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- 14 Dec, 2020

पश्चिमी एलोपैथी और अंग्रेजी माध्यम की श्रेष्ठता ग्रंथि ने उन्हें जकड़ रखा है। इस दिमागी गुलामी से उबरने की बजाय वे इस नई पद्धति को ‘मिलावटीपैथी’ कह रहे हैं। मैं तो चाहता हूँ कि भारत में इलाज की सभी पैथियों को मिलाकर, सबका लाभ उठाकर, डॉक्टरी का एक नया पाठ्यक्रम बनाया जाए, जिसका अनुकरण सारी दुनिया करेगी।