ललित सुरजन जी चले गए। 74 साल की उम्र भी जाने की कोई उम्र है लेकिन उन्होंने हमको अलविदा कह दिया। देशबंधु अख़बार के प्रधान संपादक थे। वह एक सम्मानित कवि व लेखक थे। सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय रखते थे, उनके लिए शामिल होते थे इसलिए उनके जानने वाले उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते हैं। वह साहित्य, शिक्षा, पर्यावरण, सांप्रदायिक सद्भाव व विश्व शांति से सम्बंधित मुद्दों पर हमेशा बेबाक राय रखते थे। दुनिया भर के देशों की संस्कृति और रीति-रिवाजों की जानकारी रखने का भी उनको बहुत शौक़ था। उनके स्तर का यात्रा वृत्तान्त लिखने वाला मैंने दूसरा नहीं देखा। ललित सुरजन एक आला और नफीस इंसान थे। देशबन्धु अख़बार के संस्थापक स्व. मायाराम सुरजन के बड़े बेटे थे।
पत्रकारिता, सर्वोच्च मान्यताओं के अजातशत्रु थे ललित सुरजन
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- 3 Dec, 2020

ललित जी का जाना मेरे लिए बहुत बड़ा व्यक्तिगत नुक़सान है। उनके साथ ख़ान मार्केट के बाहरी संस की किताब की दुकान पर जाना एक ऐसा अनुभव है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। वह मेरे लिए एक शिक्षा की यात्रा भी होती थी। जो भी किताब छपी उसको उन्होंने अवश्य पढ़ा। अभी राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब आई है, उसका इंतज़ार वह बहुत बेसब्री से कर रहे थे।