आप और हम किसी अदालत की अवमानना नहीं कर सकते लेकिन महिला पलवानों के साथ कथित रूप से ज्यादती करने के आरोपी सांसद बृजभूषण को बधाई तो दे ही सकते हैं। बधाई दिल्ली पुलिस को भी दी जा सकती है क्योंकि उसने बृजभूषण को जमानत के मामले में तटस्थता का मुजाहिरा किया यानी न जमानत देने का विरोध किया और न समर्थन। वैसे भी जमानत हर आरोपी का जन्मसिद्ध अधिकार है।

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को जमानत दिए जाने का दिल्ली पुलिस ने विरोध क्यों नहीं किया?
पूरा देश जानता है और मानता है कि बृजभूषण का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि वे सत्तारूढ़ दल के सांसद हैं और अपने दल की महती जरूरत भी। उनके खिलाफ एफआईआर तो फरियादियों का दिल रखने के लिए दर्ज की गयी थी।