प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में यह सुझाव दिया कि अदालतों की कार्रवाई स्थानीय भाषाओं में होनी चाहिए क्योंकि आम लोग अदालती भाषा और फ़ैसलों को समझ नहीं पाते। प्रधानमंत्री ने सही कहा लेकिन इसके लिए जज भी ऐसे नियुक्त करने पड़ेंगे जो स्थानीय भाषाओं और उसके मुहावरों और कहावतों को समझते हों वरना वे स्थानीय कहावतों और मुहावरों का इस्तेमाल करने पर ही लोगों को कारावास की सज़ा दे देंगे।