“हिन्दू धर्म ख़तरे में है”। अमूमन यह नारा अब तक भारत में नहीं लगाया जाता था। इस तरह का नारा “इसलाम ख़तरे में है” मुसलिम देशों में और भारत के कई हलकों में लगते रहे हैं। आज़ादी के समय मुसलिम लीग ने ये नारे ख़ूब लगाये और भारत के मुसलमानों को बरगला कर देश के विभाजन की नींव रखी और बाद में देश का विभाजन भी हो गया। “इसलाम ख़तरे में है” की तर्ज़ पर आरएसएस और बीजेपी ने “हिंदू धर्म ख़तरे में है” का नारा लगाना और इस की आड़ में चुनाव जीतने के लिए हिंदुओं के एक बड़े तबक़े को बरगलाना शुरू कर दिया है। हाल के दिल्ली चुनावों में ज़मीन पर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने पार्टी के पक्ष में वोट मोबिलाइज करने के लिए किसी भी हद तक जाकर लोगों के दिमाग़ को ज़हरीला करने का काम किया। इसका असर भी दिखा है। दिल्ली में बीजेपी का वोट शेयर छह फ़ीसदी बढ़ा है।