क्या जामिया मिल्लिया इसलामिया में पुलिस कार्रवाई के 'झूठ' के पोल खुल रहे हैं? पुलिस ने किस आधार पर दावा किया था कि वह लाइब्रेरी में नहीं घुसी थी? अब जो एक के बाद एक वीडियो आ रहे हैं उसमें पुलिस के दावे ग़लत साबित नहीं होते? वीडियो में सीसीटीवी कैमरे और दूसरी चीजों में तोड़फोड़ करते दिखे पुलिसकर्मी की आख़िर क्या कहानी है? देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।