लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तरह-तरह के विवादों के घेरे में रहे हैं। हाल में लोकसभा अध्यक्ष बतौर अपने दूसरे कार्यकाल में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने आपातकाल के विरुद्ध एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। आपातकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 1975 में लगाया गया था। इसकी पृष्ठभूमि में था जयप्रकाश नारायण (जेपी) के नेतृत्व में चल रहा संपूर्ण क्रांति आन्दोलन।
बदतर क्या- घोषित आपातकाल या फिर अघोषित?
- विचार
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- 6 Jul, 2024

इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगाया था। लेकिन अब उस आपातकाल की तुलना अघोषित आपातकाल से क्यों की जा रही है? आख़िर इन दोनों में से बदतर क्या है- घोषित या अघोषित आपातकाल?
गुजरात में कुछ विद्यार्थियों ने अपनी हॉस्टल के मेस के बिल में बढ़ोत्तरी के ख़िलाफ़ आन्दोलन शुरू किया। जल्दी ही बिहार के विद्यार्थी भी इसमें शामिल हो गए। आन्दोलन गति पकड़ता गया और विद्यार्थियों ने जेपी से राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन का नेतृत्व संभालने का अनुरोध किया। जेपी ने विधानसभाओं और संसद के घेराव का आह्वान किया। दिल्ली के रामलीला मैदान में 15 जून 1975 को आयोजित एक विशाल रैली में जेपी ने पुलिस और सेना का आह्वान किया कि वो सरकार के आदेश न माने। इंदिरा गाँधी के निर्वाचन को चुनौती दी गयी और इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने बहुत मामूली आधारों पर उसे रद्द कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने 24 जून 1975 को इस आदेश पर रोक लगा दी।