जिस दिन देश के 74 पूर्व नौकरशाहों के एक बड़े समूह ने उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के ख़स्ताहाल और संवैधानिक शासन के हर दिन खड्ड में और गिरते जाने को लेकर एक खुला पत्र जारी किया, उसके 5 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में मुख्यमंत्री की पीठ ठोकने में कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी।
क़ानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत और योगी सरकार के बड़े दावे!
- विचार
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- 20 Jul, 2021

विधानसभा चुनावों को मंडराता देख हाल के महीनों में 'हिंदुत्व' के नए उभार को लेकर जिस प्रकार का तनाव खड़ा करने की कोशिश पार्टी और सरकार-दोनों के स्तर पर की जा रही है, उसे देखते हुए आने वाले समय में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति के और ज़्यादा डांवाडोल होते जाने की संभावनाएं हैं।
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री से प्रशंसा पत्र हासिल करने के ठीक अगले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में हुई पार्टी की कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए जम कर अपने गाल बजाये और क़ानून-व्यवस्था के नियंत्रण के मामले में यूपी को देश में अव्वल क़रार दे डाला।
जिस दिन मुख्यमंत्री ने अपनी वाहवाही सुभाषित की उसके ठीक अगले दिन आगरा में दिन दहाड़े एक 'फाइनेंस कम्पनी' में डकैतों ने साढ़े 9 करोड़ का डाका डाल दिया।