भारत के करोड़ों लोगों ने तालाबंदी (लॉकडाउन) पर जैसा अमल किया है, वह अभूतपूर्व तो है ही, सारी दुनिया के लिए भी प्रेरणादायक है। दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र ने यह सिद्ध किया है कि वह अनुशासन और संयम के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है। व्यापक अशिक्षा और ग़रीबी के बावजूद कोरोना से लड़ने में भारत के लोगों ने बड़ी जागरुकता का परिचय दिया है। अभी तक कोरोना का प्रकोप काबू में ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशीवासियों को संबोधित करने के नाम पर देश के टीवी चैनलों का लगभग एक घंटा बेकार कर दिया।
कोरोना: कहीं इस तालाबंदी का हाल भी नोटबंदी जैसा न हो जाए!
- विचार
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- 26 Mar, 2020

सार्थक पहल के मामले में प्रधानमंत्री की उदासीनता आश्चर्यजनक है। प्रचारमंत्री के तौर पर नौकरशाहों के मार्गदर्शन में घोषणाएँ करना तो ठीक है लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें सफल करना भी ज़रूरी है। तालाबंदी से पैदा होनेवाले संकट का मुक़ाबला करने की रणनीति प्रधानमंत्री के पास तैयार होनी चाहिए। कहीं इस तालाबंदी का हाल भी नोटबंदी जैसा न हो जाए!