लॉकडाउन के दो महीनों में देश की आर्थिक गतिविधियाँ दम तोड़ चुकी हैं। इनका मूल्य लगभग शून्य हो चुका है। भविष्य को लेकर बेहद अनिश्चितता है। साफ़ दिख रहा है कि आर्थिक गतिविधियों को सामान्य होने में लम्बा वक़्त लगेगा। 21 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्म-निर्भर भारत मिशन’ के एलान का 90 फ़ीसदी यानी 19 लाख करोड़ रुपये महज फंड या आवंटन है।