ऐसा लगता है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका की पहल अब शायद परवान चढ़ जाएगी। पिछले साल अक्टूबर में इन दोनों देशों ने मांग की थी कि कोरोना के टीके का एकाधिकार ख़त्म किया जाए और दुनिया का जो भी देश यह टीका बना सके, उसे यह छूट दे दी जाए। विश्व व्यापार संगठन के नियम के अनुसार कोई भी किसी कंपनी की दवाई की नकल तैयार नहीं कर सकता है। प्रत्येक कंपनी किसी भी दवा पर अपना पेटेंट करवाने के पहले उसकी खोज में लाखों-करोड़ों डाॅलर ख़र्च करती है। दवा तैयार होने पर उसे बेचकर वह मोटा फायदा कमाती है। यह फायदा वह दूसरों को क्यों उठाने दें?