गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर स्वतंत्र भारत की कल्पना करते अपनी मशहूर कविता (Where the mind is without fear and the head is held high) में लिखते हैं कि “जहाँ चित्त भय से शून्य हो/ जहाँ गर्व से माथा ऊँचा करके चल सकें/ जहाँ ज्ञान मुक्त हो/ जहाँ दिन रात विशाल वसुधा को खंडों में विभाजित कर छोटे-छोटे आँगन न बनाये जाते हों/….. हे पिता, अपने हाथों से निर्दयता पूर्ण प्रहारकर/ उसी स्वतंत्र स्वर्ग में इस सोते हुए भारत को जगाओ...!”
‘भारत जोड़ो यात्रा’@100: एक संजीदा राजनेता का उदय!
- विचार
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- 16 Dec, 2022

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आज 100 दिन पूरे हो गए। आख़िर इन दिनों में यात्रा से कांग्रेस ने क्या संदेश दिया और राजनीति में क्या बदलाव हुए? जानिए राहुल गांधी की इस यात्रा के मायने क्या हैं।
लेकिन आज का भारत कविगुरु की इस कल्पना से बिल्कुल उलट है जहाँ सत्य बोलने या अन्याय का प्रतिकार करने मात्र से ‘देशद्रोही’ कहलाते हुए जेल जाने की घटनाएँ रिकॉर्ड तोड़ रही हैं।
इसी माहौल में 7 सितंबर से कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू हुई जिसने 16 दिसंबर को सफ़र के सौ दिन सफलतापूर्वक पूरे कर लिए। संविधान के संकल्पों और ‘आयडिया ऑफ इंडिया’ की याद दिलाते हुए राहुल गाँधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की इस पद-यात्रा ने अब तक 8 राज्यों से गुज़रते हुए साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर यानी कुल यात्रा का लगभग दो तिहाई सफ़र पूरा कर लिया है।