रात के 12.30 बजे मनीष सिंह का फ़ेसबुक पर जवाब आता है- सर, इनको एंबुलेंस मिल गई है। बात हो गई। आप कंफर्म कर सकते हैं। मैंने रात 12 बजे के आसपास गाज़ियाबाद से आए एक मैसेज को अपने फ़ेसबुक वॉल और ट्विटर पर शेयर किया था। आधे घंटे में निदान मिल गया। मनीष से सीधे तौर पर परिचित नहीं, लेकिन अब उनका नाम जीवन में शायद ही भूल पाऊँ।
नेता बौने, लेकिन महान जनता ऐसे बचा रही एक-दूसरे की जानें
- विचार
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- 23 Apr, 2021
ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक की भयानक कालाबाजारी है। लोग लाख लाख रुपए में रेमडेसिविर खरीद रहे हैं और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे में लोग एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं।
मनीष का जब मैसेज आया उससे पहले विपाशा तिवारी ने जवाब भेजा- इनका केस सॉल्व हो गया है। इनको मैंने ऑक्सीजन सिलेंडर दिलवा दिया है। आप अब ये मैसेज शेयर मत कीजिएगा। मैंने लिखा- शुक्रिया विपाशा। जवाब आया- सर कोई और ज़रूरत हो तो बताइएगा। मैंने रात 10.30 बजे के आसपास एक बुजुर्ग जिनका ऑक्सीजन लेवल 40 के आसपास आ गया था, उनको ऑक्सीजन सिलेंडर दिलवाने के लिए पोस्ट डाली, ट्वीट किया। डेढ़ घंटे में उनकी जान बचाने का इंतज़ाम हो गया। ऊपर से आश्वासन भी कि कुछ और हो तो बताइए, हो जाएगा।