उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुंनाव के लिए पांचवें चरण के मतदान के बीच 27 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए बनारस पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी पार्टी को संबोधित करते हुए राजनीति में भाषा के गिरते स्तर पर नाराजगी जताई और अपने विरोधियों को खूब आड़े हाथों लिया। इस सिलसिले में उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के तीन महीने पुराने एक बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की थी।
क्या प्रधानमंत्री मोदी वाकई गंभीर और शालीन वक्ता हैं?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
यूपी में चुनावी अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों की गरिमा गिरी है। सच तो यह है कि उनके भाषण कभी गंभीर और शालीन नहीं थे।

इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान राजनीतिक विमर्श में भाषा का स्तर बहुत ज्यादा गिरा है, लेकिन इसकी शिकायत प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से सुनना बहुत हास्यास्पद लगता है। बनारस में अपने भाषण के दौरान उन्होंने यह दावा भी किया, ''मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और न ही किसी की आलोचना करना चाहता हूँ।’’