दोनों बातें एक साथ हुईं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन जिस समय भारत के आधिकारिक दौरे पर थे उसी समय ‘द हिंदू’ अखबार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक लेख छपा। हालांकि लेख और बोरिस जानसन के दौरे का आपस में कोई सीधा रिश्ता नहीं है, लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस दौरे का महत्व किसी भी सरकारी प्रेस विज्ञप्ति या बयान के मुकाबले इस लेख से ज्यादा अच्छी तरह समझा जा सकता है।

बोरिस जानसन के भारत आने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेन्स से गैर हाजिर रहने के कारण दुनिया भर में जो खबरें पहुँचीं उनसे भारत का पक्ष या भारत-ब्रिटेन रिश्तों की बात पूरी तरह से गायब थी। भारत ने अपनी नई छवि गढ़ने या अपनी अहमियत दुनिया को बताने का यह मौका गंवा दिया।
इस लेख में मनमोहन सिंह ने कहा है कि रूस और यूक्रेन की जंग से जो नई विश्व-व्यवस्था उभर रही है वह भारत के फायदे में जा सकती है। भारत चाहे तो युद्ध से उभरी स्थितियों का बहुत बड़ा फायदा उठा सकता है।
बोरिस के दौरे के ठीक पहले ब्रिटिश अखबारों ने भी लगभग यही बात कही थी। उनके ज्यादातर विश्लेषणों में कहा गया था कि यह दौरा ब्रैक्ज़िट के बाद के ब्रिटेन के लिए जरूरी है लेकिन इसका ज्यादा फायदा भारत को ही मिलेगा।
बोरिस के दौरे के ठीक पहले ब्रिटिश अखबारों ने भी लगभग यही बात कही थी। उनके ज्यादातर विश्लेषणों में कहा गया था कि यह दौरा ब्रैक्ज़िट के बाद के ब्रिटेन के लिए जरूरी है लेकिन इसका ज्यादा फायदा भारत को ही मिलेगा।