पिछले दिनों ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर शाहिदुज्ज़माँ का एक वी़डियो वायरल हुआ जिसमें वे पाकिस्तान से परमाणु क़रार करने और परमाणु हथियारों को भारत की सीमा पर तैनात करने की बात कर रहे हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सितंबर महीने का यह वीडियो बांग्लादेश के ‘रिटायर्ड आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ऑफ़िसर्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन’ के एक सेमिनार का है जिसे संबोधित करते हुए प्रो. शाहिदुज्ज़माँ ने कहा, “हमें पाकिस्तान के साथ परमाणु क़रार करना चाहिए। बिना गठजोड़ और तकनीक के भारत का सामना नहीं किया जा सकता है। भारत को लगता है कि बांग्लादेश पूर्वोत्तर का उसका कोई आठवाँ राज्य है। भारत की इस अवधारणा को परमाणु ताक़त से ही तोड़ा जा सकता है।”
बांग्लादेश के बहाने जिन्ना का सपना पूरा करती मोदी सरकार!
- विचार
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- 9 Dec, 2024

बांग्लादेश के जन्म ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायकों को सही साबित किया था जिन्होंने द्विराष्ट्रवाद के सिद्धांत को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ऐलान किया था कि 'आज़ाद भारत’ में धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।
प्रो. शाहिदुज्ज़माँ के इस प्रस्ताव को पाकिस्तानी मीडिया में ख़ूब तवज्जो मिली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ गर्मजोशी भरे रिश्तों का नया दौर शुरू किया है। पाकिस्तान से चल कर एक मालवाहक पोत 13 नवंबर को बांग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह पहुँचा। यह 53 साल पहले बांग्लादेश के जन्म के बाद दोनों देशों के बीच हुआ पहला सीधा समुद्री संपर्क था। बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 25000 टन चीनी आयात करने का सौदा किया है जो पहले भारत से चीनी मँगाता था। आयात के अन्य क्षेत्रों की भी दिशा यही है। कुल मिलाकर जिस बांग्लादेश के अवाम में भारत से दोस्ती की भावना रची-बसी थी, वहाँ आज भारत विरोधी नारे लग रहे हैं और जिस पाकिस्तान की छवि भीषण अत्याचार करने वाले की थी, उसके साथ दोस्ती की बातें हो रही हैं।