अभी बारिश की पहली फुहार भी नहीं पड़ी थी कि करोड़ों की लागत से बना अयोध्या के नवनिर्मित रामपथ के धँसने की तस्वीरें आने लगीं और किनारे-किनारे जलभराव होने लगा है। पहले तो सरकार, मंदिर प्रबंधन और तमाम संगठन डिनायल मोड में रहे लेकिन जब आसपास के लोगों, खासकर दुकानदारों में, जिनके यहाँ सड़क का पानी जाने लगा, रोष देखा तो सरकार ने छह इंजीनियर्स को निलंबित कर दिया। इस तत्काल कार्रवाई का कारण था हाल के चुनाव परिणामों में यूपी में भाजपा का खराब परफॉरमेंस और उसमें भी राममंदिर के बावजूद इस क्षेत्र से हार। पुनर्विकसित अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी भी ढह गयी है। करोड़ों की लागत से बने मंदिर में पीएम ने रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा करते हुए कहा था “यह भारतीय समाज की परिपक्वता दिखाता है… यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है”।