केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी-दिवस के अवसर पर कोई ऐसी बात नहीं की, जिस पर कोई जरा भी आपत्ति कर सके लेकिन फिर भी कांग्रेस और कुछ दक्षिण भारतीय नेताओं ने उनका कड़ा विरोध किया। अपने आप को मुसलमानों का नेता कहने वाले एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भी बीजेपी विरोधियों के स्वर में स्वर मिलाया। इन तमिल, कन्नड़, बांग्ला और मुसलिम नेताओं को बीजेपी का विरोध करना है, इसीलिए उन्होंने हिंदी के विरुद्ध शोरगुल मचाना शुरू कर दिया है।
‘हिंदी’ वाले बयान पर अमित शाह का विरोध क्यों?
- विचार
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- 16 Sep, 2019

अमित शाह के बयान का विरोध करने वाले नेताओं का कहना है कि शाह हिंदी को सब पर थोपने के लिए अन्य भारतीय भाषाओं का गला घोंटना चाहते हैं। यह सरासर झूठ है। क्या अमित शाह हिंदी भाषी हैं? नहीं हैं। वह ओवैसी, कुमारस्वामी, नारायण स्वामी, वाइको और ममता बनर्जी की तरह ग़ैर-हिंदीभाषी हैं। उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं, गुजराती है।