क्या आम आदमी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में आत्महत्या करने पर तुली हुई है? यह सवाल पूछना लाज़िमी है। आप यह सवाल कर सकते हैं कि अचानक क्या हो गया है। और क्यों यह बात की जाए। मौजूदा वाक़या 1984 के सिख नरसंहार से जुड़ा है। ख़बर है कि दिल्ली विधानसभा में यह प्रस्ताव पास हो गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को दिया हुआ भारत रत्न वापस लेना चाहिए। कारण - जब वे प्रधानमंत्री थे तो उनकी माँ इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद जो नरसंहार हुआ, उसके लिए वह ज़िम्मेदार हैं।

आम आदमी पार्टी की दिक़्क़त यह है कि कहने को तो यह राजनीतिक दल है पर इसे राजनीति आती नहीं है। विधानसभा में राजीव गाँधी से भारत रत्न वापसी का प्रस्ताव लाने का फ़ैसला आत्मघाती क़दम है। ऐसे समय में जबकि मोदी के ख़िलाफ़ महागठबंधन बनाने की बात हो रही है, दिल्ली में आप, कांग्रेस से चुनावी गठबंधन के लिए आतुर है, तब ऐसा क़दम क्यों?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।