अब्दुल गफ्फूर अब्दुल मजीद नूरानी (1930-2024) ने जाते जाते देश को यह संदेश दे दिया था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भारत के लिए ख़तरा है। `आरएसएसः अ मिनेस टू इंडिया’ यह उनकी आखिरी महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। उनका 93 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हुआ और चार साल पहले यानी जब वे 89 साल के थे तब उनका यह आखिरी महत्त्वपूर्ण कार्य लेफ्टवर्ड बुक्स ने प्रकाशित किया था। वैसे तो उन्होंने विपुल लेखन किया है और इतिहास और तात्कालिक संवैधानिक सवालों पर उनकी कम से कम 15 महत्त्वपूर्ण पुस्तकें हैं लेकिन जो पुस्तक भविष्य के लिए महत्त्वपूर्ण है और जिसकी उपेक्षा भारतीय पाठकों और नागरिकों को महंगी पड़ सकती है वह यही पुस्तक है।